CIBIL Score का खेल: क्या आपका स्कोर लोन के लिए खतरे में डाल सकता है?”

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CIBIL Score Game: Can Your Score Put Your Loan at Risk?”

“अब लोन लेने के लिए इतना सिबिल स्कोर जरूरी, वरना कोई बैंक नहीं देगा पैसा – CIBIL Score”

वर्तमान समय में जब भी किसी व्यक्ति को लोन की जरूरत होती है, तो सबसे पहले उसकी क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर की जांच की जाती है। सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का अंक होता है, जो यह तय करता है कि व्यक्ति लोन लेने के योग्य है या नहीं। CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) एक संस्था है जो व्यक्ति की वित्तीय गतिविधियों का रिकॉर्ड रखती है। यदि आपका सिबिल स्कोर कम है तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपके लोन आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं।

सिबिल स्कोर क्या है?
सिबिल स्कोर एक प्रकार का क्रेडिट स्कोर है, जो आपकी वित्तीय स्थिति और उधारी चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। 900 के करीब का स्कोर बेहतर माना जाता है और 300 के करीब का स्कोर खराब माना जाता है। इस स्कोर का निर्माण आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, उधारी की अदायगी, लोन अकाउंट की संख्या और अन्य वित्तीय विवरणों के आधार पर किया जाता है।

क्यों जरूरी है सिबिल स्कोर?

1. लोन स्वीकृति: यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो लोन स्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है।

2. ब्याज दर में लाभ: जिनका सिबिल स्कोर अच्छा होता है, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

3. क्रेडिट कार्ड की सुविधा: अच्छा स्कोर होने पर क्रेडिट कार्ड की लिमिट और सुविधाएं बेहतर मिलती हैं।

4. आसान लोन प्रक्रिया: बैंक या वित्तीय संस्थान अच्छी सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता देते हैं।

कितना सिबिल स्कोर जरूरी है?
आमतौर पर बैंक और वित्तीय संस्थान 700 से ऊपर का सिबिल स्कोर लोन के लिए जरूरी मानते हैं। हालांकि, विभिन्न प्रकार के लोन के लिए अलग-अलग मानक हो सकते हैं:

1. होम लोन: 750+

2. पर्सनल लोन: 720+

3. कार लोन: 700+

4. बिजनेस लोन: 750+

सिबिल स्कोर कैसे जांचें?
आज के समय में सिबिल स्कोर चेक करना बेहद आसान हो गया है। आप ऑनलाइन CIBIL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या अन्य वित्तीय पोर्टल्स के माध्यम से अपना सिबिल स्कोर जांच सकते हैं।

सिबिल स्कोर को कैसे सुधारें?

1. बिल समय पर चुकाएं: यदि आपके क्रेडिट कार्ड का बिल या EMI समय पर भुगतान होता है, तो स्कोर सुधरता है।

2. क्रेडिट लिमिट का सही इस्तेमाल करें: क्रेडिट कार्ड की लिमिट का अधिकतम 30-40% ही इस्तेमाल करें।

3. पुराने लोन का भुगतान करें: किसी भी पुराने लोन को समय पर खत्म करें ताकि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री सही बनी रहे।

4. नई उधारी को कम करें: बार-बार लोन लेने से सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

5. क्रेडिट मिक्स का ध्यान रखें: होम लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के बीच संतुलन बनाए रखें।

कम सिबिल स्कोर के नुकसान

लोन स्वीकृति में कठिनाई होती है।

ब्याज दर अधिक होती है।

क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन खारिज हो सकता है।

लोन की लिमिट कम मिलती है।

अन्य वित्तीय सेवाओं में भी बाधा आती है।

सिबिल स्कोर का महत्त्व वित्तीय संस्थानों के लिए क्यों है?
बैंक या वित्तीय संस्थान किसी भी लोन को स्वीकृत करने से पहले उस व्यक्ति की साख को परखते हैं। यह साख सिबिल स्कोर के माध्यम से मापी जाती है। एक अच्छा सिबिल स्कोर बैंक को यह भरोसा दिलाता है कि व्यक्ति लोन की रकम समय पर चुका देगा।

The CIBIL Score Game: Can Your Score Put Your Loan at Risk?

In today’s financial world, your CIBIL score plays a crucial role when applying for loans. A CIBIL score, ranging from 300 to 900, reflects your creditworthiness and helps lenders assess the risk of lending money to you. A higher score (700 and above) increases your chances of loan approval, while a lower score can lead to rejection or higher interest rates.

Banks and financial institutions rely heavily on the CIBIL score to determine your eligibility for loans, whether it’s for a home, car, or personal financing. A poor score signals a history of late payments, high debt, or other financial mishaps, making you a risky borrower in their eyes. On the other hand, a strong score suggests that you have a good track record of managing debt and repaying on time, making you a more desirable borrower.

If you’re aiming for a loan, it’s essential to monitor and improve your CIBIL score. Paying bills on time, reducing outstanding debt, and maintaining a healthy credit utilization ratio can significantly boost your score. So, if you’re planning to apply for a loan, remember, your CIBIL score could either open doors or close them.

Suraj Sharma http://meaindianews.com

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