Desperate Plea from Kuwait: Indian Woman Seeks Rescue from Alleged Abuse by Employers
“कुवैत से दर्दभरी पुकार: भारतीय महिला ने नियोक्ताओं पर अत्याचार का आरोप लगाकर मदद की गुहार लगाई”
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले के यल्लामिली गांव की रहने वाली 37 वर्षीय महिला गारा कुमारी ने कुवैत से एक मार्मिक वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी दुर्दशा का खुलासा किया है। इस वीडियो में उन्होंने अपने नियोक्ताओं पर गंभीर अत्याचार और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
गारा कुमारी, जो तीन बच्चों की मां और विधवा हैं, वीडियो में रोते हुए मदद की गुहार लगाते हुए कहती हैं,
“कृपया मुझे बचा लीजिए। मुझे मेरे बच्चों के पास वापस ले जाइए। वे मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं।”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोगों के बीच चिंता और आक्रोश का विषय बन गया है।
विदेश में रोजगार की तलाश में गारा कुमारी की यात्रा
गारा कुमारी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उनके पति वेंकटेश का निधन पांच साल पहले हो गया था, जिसके बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। अपनी दो बेटियों और एक बेटे की परवरिश के लिए कुमारी ने कुवैत में रोजगार की तलाश की।
एक स्थानीय एजेंट एम. सुधाकर के माध्यम से उन्हें कुवैत के जाबराली हम्माद शहर में एक नौकरी मिली। उन्हें घरेलू सहायिका के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन कुवैत पहुंचने के बाद, उन्हें ऐसे हालातों का सामना करना पड़ा, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
अत्याचार और दुर्व्यवहार का भयानक अनुभव
गारा कुमारी ने अपने वीडियो संदेश में बताया कि:
उन्हें भोजन नहीं दिया जा रहा है।
उनके साथ शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार हो रहा है।
उन्होंने दावा किया कि उनके नियोक्ता उनकी हत्या करने की योजना बना रहे हैं।
कुमारी ने यह वीडियो अपने रिश्तेदारों को भेजा, जिसके बाद उनकी स्थिति का खुलासा हुआ। उनके परिवार वालों ने तुरंत स्थानीय प्रशासन और भारत सरकार से संपर्क किया और गारा कुमारी को वापस लाने की गुहार लगाई।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
कुमारी के परिवार और स्थानीय लोगों ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उनकी मां ने रोते हुए कहा,
“मेरी बेटी को किसी तरह से वापस ले आइए। मेरे पोते-पोतियों को उनकी मां की जरूरत है।”
कुमारी के रिश्तेदारों ने जग्गमपेट निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारियों से संपर्क किया और मामले में तेजी लाने की अपील की।
यह मामला भारत में सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है, और लोग इस पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
विदेश में काम करने वाले भारतीय मजदूरों की समस्याएँ
गारा कुमारी का मामला कोई नई बात नहीं है। यह घटना एक बार फिर उन भारतीय घरेलू सहायिकाओं की समस्याओं को उजागर करती है, जो रोजगार के लिए विदेश जाती हैं।
कई भारतीय मजदूर, खासकर महिलाएँ, मध्य-पूर्व के देशों में दुर्व्यवहार और शोषण का शिकार होती हैं।
असंगठित एजेंटों और ठोस नियमों की कमी के कारण ये महिलाएँ अमानवीय परिस्थितियों में फँस जाती हैं।
आंकड़ों में मजदूरों की दुर्दशा
1. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 60% घरेलू सहायिकाएँ अपने नियोक्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करती हैं।
2. भारत से हर साल हजारों महिलाएँ काम की तलाश में खाड़ी देशों का रुख करती हैं।
3. कई बार इन महिलाओं को मजदूरी, चिकित्सा सहायता, और कानूनी अधिकारों से वंचित रखा जाता है।
सरकार से मदद की उम्मीद
इस घटना के बाद, गारा कुमारी के परिवार और स्थानीय लोगों ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से मदद की अपील की है।
आंध्र प्रदेश सरकार से भी इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने की उम्मीद की जा रही है।
विदेश मंत्री को संबोधित कई ट्वीट्स में लोगों ने कुमारी को जल्द से जल्द भारत वापस लाने की मांग की है।
मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि भारत को विदेशों में काम कर रही महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
ऐसे मामलों में क्या किया जा सकता है?
इस तरह की घटनाओं को रोकने और प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:
1. सख्त नियमन और निगरानी: एजेंटों और नियोक्ताओं के काम पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए।
2. सहायता हेल्पलाइन: विदेशों में काम कर रहे मजदूरों के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा उपलब्ध होनी चाहिए।
3. मुक्ति योजनाएँ: संकटग्रस्त भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए प्रभावी योजनाएँ बनाई जाएँ।
4. सामाजिक जागरूकता: मजदूरों को उनकी कानूनी और मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
गारा कुमारी का मामला उन लाखों भारतीय महिलाओं की कहानी है, जो बेहतर जीवन की तलाश में विदेश जाती हैं, लेकिन शोषण और अत्याचार का शिकार होती हैं।
इस मामले ने एक बार फिर भारत सरकार और समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि विदेशों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए कितने ठोस कदम उठाए गए हैं।
आशा है कि गारा कुमारी को जल्द से जल्द कुवैत से मुक्त कर भारत वापस लाया जाएगा और इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Desperate Plea for Rescue: Indian Woman Trapped in Kuwait
A heart-wrenching video message from a 37-year-old Indian woman, Gara Kumari, has surfaced, revealing the alleged abuse and mistreatment she has faced while working in Kuwait. Originally from Yallamilli village in Kakinada district, Andhra Pradesh, Kumari left for Kuwait seven months ago in search of better opportunities to support her three children after her husband’s demise. However, her life abroad turned into a nightmare. In her tearful video plea, Kumari claims that her employers are starving her, mistreating her, and even threatening her life. She begs for help to return to India and reunite with her children.
The video, which has gone viral on social media, has sparked outrage, with her family and locals demanding immediate intervention from Indian authorities. The incident highlights the challenges faced by many migrant workers, especially women, who often fall victim to exploitation and abuse in foreign countries. Activists are urging the Indian government to expedite rescue operations and address the broader issue of unsafe working conditions for Indian laborers abroad. Kumari’s plight underscores the urgent need for stricter regulations, legal protections, and awareness campaigns to ensure the safety and dignity of overseas workers.
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